पीचु बानिक एक 87 वर्षीय व्यक्ति की कहानी

Ruhi Singh
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पीचु बानिक एक भारतीय वृत्तचित्र है जो 87 वर्षीय पीचु श्याम की कहानी बताता है, जो एक आदिवासी बानिक है जो अपने पूर्वजों की परंपरा को जीवित रखने के लिए 1150 पेड़ लगाता है। यह वृत्तचित्र पर्यावरण संरक्षण और जुनून का संदेश देता है।

पीचु श्याम एक आदिवासी समुदाय से आते हैं जो पेड़ों की पूजा करते हैं। वह अपने बचपन से ही पेड़ों के साथ रहा है और उनसे प्यार करता है। वह जानता है कि पेड़ पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण हैं और इसलिए वह उन्हें बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पीचु श्याम ने अपने जीवन में 1150 पेड़ लगाए हैं। वह अपने गांव के आसपास के जंगलों में पेड़ लगाता है। वह पेड़ों की देखभाल भी करता है और उन्हें पानी देता है। वह अन्य लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करता है।

पीचु बानिक एक प्रेरणादायक कहानी है। यह दिखाता है कि एक व्यक्ति भी पर्यावरण में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह वृत्तचित्र पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद कर रहा है।

पीचु बानिक एक 87 वर्षीय व्यक्ति की कहानी

यहां पीचु बानिक वृत्तचित्र के कुछ प्रमुख संदेशों दिए गए हैं:

  • पेड़ पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे हमें ऑक्सीजन देते हैं, जलवायु को नियंत्रित करते हैं और मिट्टी को स्थिर करते हैं।
  • हमें पेड़ों को बचाने की जरूरत है। हम पेड़ लगाकर और उन्हें पानी देकर ऐसा कर सकते हैं।
  • हम सभी पर्यावरण संरक्षण में योगदान कर सकते हैं। छोटी-छोटी चीजें भी एक बड़ा फर्क कर सकती हैं।