एक छोटे से बगीचे में, मिट्टी के नीचे गहरे, एक छोटा बीज सो रहा था। वह सूरज की रोशनी और बारिश की बूंदों के बारे में सपने देखता था, लेकिन उसे लगता था कि वह अपनी दुनिया के अंधेरे और ठंड में हमेशा के लिए फंसा हुआ है।
एक दिन, बारिश का एक झोंका ज़मीन को हिला दिया और बीज को जगा दिया। बारिश की बूंदें उसकी कठोर बाहरी परत को नरम करती हैं, और धीरे-धीरे, एक छोटा सा अंकुर फूट निकलता है। यह कमजोर और डरा हुआ था, लेकिन सूरज की ओर बढ़ने की एक अदृश्य शक्ति ने इसे आगे बढ़ाया।
अंकुर मिट्टी से बाहर निकला और उसने एक नई दुनिया देखी। सूरज चमक रहा था, पक्षी गा रहे थे, और हवा ताज़ा और मीठी थी। लेकिन छोटे पौधे को जल्द ही पता चला कि जीवन आसान नहीं होगा। हवा तेज थी, बारिश कभी-कभी तूफान में बदल जाती थी, और सूरज की गर्मी कभी-कभी असहनीय होती थी।
फिर भी, छोटा पौधा हार नहीं माना। उसने अपनी जड़ों को गहरा खोदा, सूरज की ओर पत्तियां फैला दीं, और बारिश का हर बूंद को सोख लिया। धीरे-धीरे, वह बड़ा और मजबूत होता गया। वह अन्य पौधों से घिरा हुआ था, कुछ बड़े, कुछ छोटे, लेकिन उन सभी के साथ उसने अपने संघर्षों और जीत को साझा किया।
वर्षों बीत गए, और छोटा पौधा एक विशाल वृक्ष में बदल गया। उसकी शाखाएँ आकाश को छूती थीं, उसकी पत्तियाँ पक्षियों के लिए आश्रय प्रदान करती थीं, और उसकी जड़ें ज़मीन को मजबूत करती थीं। वह बगीचे का एक रक्षक बन गया, सभी जीवों के लिए सुरक्षा और छाया प्रदान करता है।
एक दिन, एक छोटा लड़का पेड़ के नीचे बैठ गया। वह उदास था और हार मानने वाला था। उसने वृक्ष को अपनी परेशानियों के बारे में बताया, यह सोचकर कि वह कभी सफल नहीं होगा।
वृक्ष ने धीरे-धीरे सर हिलाया और कहा, "बच्चे, मैं भी एक बार एक छोटा बीज था, तुम जैसा ही डरा हुआ और अकेला था। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मैंने सूरज की ओर बढ़ने की कोशिश की, बारिश को सोख लिया, और अपनी जड़ों को गहरा खोदा। और अब, देखो मैं कहाँ हूँ।"
लड़का वृक्ष की ओर आश्चर्य से देखने लगा। उसने वृक्ष के शब्दों में शक्ति पाई। उसने महसूस किया कि अगर एक छोटा बीज एक विशाल वृक्ष बन सकता है, तो वह भी अपनी चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर सकता है।
उस दिन से, लड़का हार नहीं माना। उसने सूरज की ओर देखा, अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ा, और कभी पीछे नहीं हटा। और उसकी तरह, आप भी अपने अंदर की ताकत को खोज सकते हैं और अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं। बस एक बीज की तरह, सूरज की ओर मुंह करके बढ़ते रहें, बारिश को सोखें, और अपनी जड़ों को मजबूत बनाएं।
तो याद रखें, हर यात्रा एक बीज से शुरू होती है। और आपके अंदर, एक विशाल वृक्ष बनने की क्षमता है। बस हार मत मानो, बढ़ते रहो, और सूरज को ढूंढो।